वर्ष १९८१ में स्थापित पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) पर्यावरण के मुद्दों पर एक प्रतिष्ठित थिंक टेंक के रूप में विकसित हो चुका है. एक स्वशासी संस्था के रूप में इसने कई नवाचारी कार्य किये है. इन कार्यों में जनसमुदाय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता निर्माण करना और प्रदेश सरकार के साथ मिलकर विभिन्न परियोजनाओं जैसे कार्य शामिल है.
एप्को, जो कि जलवायु परिवर्तन मुद्दों पर राज्य नोडल एजेंसी घोषित हो चुका है, यह अपने पचास एकड के हरित परिसर से कार्य करता है जिसे पर्यावास परिसर कहा जाता है. इस परिसर की बुनियाद वर्ष १९८१ में रखी गयी थी. यह केन्द्र राज्य के एक प्रमुख स्वशासी पर्यावरण संस्थान के रूप में जाना जाता है एवं राज्य शासन के साथ निकटता से कार्य करते हुए भी इसने अपनी एक पहचान स्थापित कर ली है.
एप्को ने अपने कार्यों को ना केवल सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों के अनुरूप ढाला है, बल्कि यह राज्य के विकास कार्यों को टिकाऊ विकास के सिद्धांतों के अनुरूप आगे बढाने में भी नेतृत्व प्रदान कर रहा है.